News Website Headers

श्रद्धा के पर्व पर हादसा: उल्हास नदी में डूबे दो बच्चे, इलाके में शोक

राज्य महाराष्ट्र

Posted by admin on 2025-10-28 17:20:07

Share: Facebook | Twitter | WhatsApp | LinkedIn Views 22


श्रद्धा के पर्व पर हादसा: उल्हास नदी में डूबे दो बच्चे, इलाके में शोक

मुंबई। श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जा रही छठ पूजा उस समय मातम में बदल गई जब उल्हास नदी में पूजा के दौरान दो मासूम बच्चे डूब गए। यह दर्दनाक घटना सोमवार की शाम कल्याण मुरबाड रोड स्थित रायते क्षेत्र की है, जहां सैकड़ों श्रद्धालु अपने परिवारों के साथ छठ पर्व मनाने पहुंचे थे। उल्हासनगर कैंप नंबर एक के रहने वाले ये दोनों बच्चे नहाने के लिए नदी में उतरे थे, लेकिन तेज बहाव में बह गए। हादसे के बाद पूरा इलाका शोक में डूब गया है।


मिली जानकारी के अनुसार, डूबे हुए बच्चों की पहचान प्रेम गुप्ता (16) और राजन जयराम विश्वकर्मा (18) के रूप में हुई है। दोनों उल्हासनगर कैंप नंबर एक के ए ब्लॉक रोड क्षेत्र के निवासी थे। सोमवार शाम जब परिवार छठ पूजा का अनुष्ठान कर रहे थे, तभी ये दोनों बच्चे परिवार की नजरों से बचकर नदी में नहाने उतर गए। कुछ ही मिनटों में वे तेज बहाव में फंस गए और देखते ही देखते पानी में समा गए। आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन गहराई और बहाव की वजह से कोई उन्हें नहीं निकाल सका।


घटना की जानकारी मिलते ही कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका के दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। दमकल कर्मियों ने तुरंत नावों की मदद से नदी में तलाशी अभियान शुरू किया, लेकिन अंधेरा होने के कारण खोज अभियान देर रात रोकना पड़ा। मंगलवार सुबह फिर से बचाव दल ने तलाशी अभियान शुरू किया, हालांकि खबर लिखे जाने तक दोनों बच्चे नहीं मिले थे।


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रायते पुल के पास उल्हास नदी का यह हिस्सा काफी गहरा है और वहां का बहाव सामान्य दिनों में भी तेज रहता है। छठ पूजा के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग नदी किनारे जुटे थे। कुछ लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे स्थानों पर छठ जैसे सार्वजनिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए जाएं और गोताखोरों की टीम पहले से तैनात की जाए।


छठ पूजा का आयोजन कल्याण, डोंबिवली और उल्हासनगर क्षेत्रों में रहने वाले उत्तर भारतीय परिवार बड़े धूमधाम से करते हैं। महिलाएं सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए नदियों और खाड़ियों के तट पर जाती हैं। सोमवार शाम भी श्रद्धालु परिवारों के साथ व्रत रखकर पूजा करने पहुंचे थे। जब हादसे की खबर फैली, तो मौके पर अफरा-तफरी मच गई और पूजा का माहौल गमगीन हो गया।


स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन को पहले से इस स्थान पर चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा घेरा लगाना चाहिए था। हर साल सैकड़ों श्रद्धालु यहां आते हैं, लेकिन सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होते। हादसे के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भी दुख व्यक्त किया और अधिकारियों से लापरवाही की जांच करने की मांग की।


घटना के बाद उल्हासनगर कैंप नंबर एक का इलाका शोक में डूबा हुआ है। मृतकों के परिजन सदमे में हैं और लगातार नदी किनारे किसी चमत्कार की उम्मीद में बैठे हुए हैं। फिलहाल दमकल विभाग और स्थानीय पुलिस की टीम बच्चों की तलाश में जुटी हुई है। प्रशासन ने कहा है कि घटना की विस्तृत जांच की जाएगी और भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।


श्रद्धा के इस पर्व पर घटी यह दुर्घटना एक बार फिर चेतावनी देती है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और सावधानी बरतना कितना आवश्यक है।

Search
Recent News
Most Popular News
Leave a Comment:

You must Login to post a comment.

No comments yet. Be the first to comment!