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दीपावली से पहले डीआरआई की बड़ी कार्रवाई: गुजरात से चीनी पटाखों का तस्कर गिरफ्तार, करोड़ों का माल जब्त

अपराध

Posted by admin on 2025-10-20 18:41:35

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दीपावली से पहले डीआरआई की बड़ी कार्रवाई: गुजरात से चीनी पटाखों का तस्कर गिरफ्तार, करोड़ों का माल जब्त


दीपावली से ठीक पहले मुंबई में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने चीनी पटाखों की अवैध तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क उजागर कर एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। ‘ऑपरेशन फायर ट्रेल’ नामक अभियान के तहत डीआरआई ने न्हावा शेवा बंदरगाह (जवाहरलाल नेहरू पोर्ट) पर चीन से आए एक कंटेनर को जब्त किया, जिसमें बड़ी मात्रा में अवैध पटाखे छिपाकर रखे गए थे। इस कार्रवाई में लगभग 4.82 करोड़ रुपये मूल्य के चीनी पटाखे जब्त किए गए हैं। जांच के दौरान पता चला कि यह कंटेनर आधिकारिक दस्तावेजों में ‘लेगिंग्स’ यानी महिलाओं के कपड़ों के रूप में दर्ज था, लेकिन गहन तलाशी में कपड़ों की एक पतली परत के पीछे आतिशबाजी के सामान भरे पड़े थे। इस मामले में तस्करी का मुख्य आरोपी गुजरात के वेरावल से गिरफ्तार किया गया है, जिसने इस पूरे नेटवर्क के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।


डीआरआई अधिकारियों के अनुसार, खुफिया जानकारी के आधार पर न्हावा शेवा बंदरगाह पर यह कार्रवाई की गई। अधिकारियों ने एक 40 फुट लंबे कंटेनर को रोका, जो आईसीडी अंकलेश्वर (गुजरात) के लिए रवाना होने वाला था। जब कंटेनर की गहन जांच की गई, तो सामने आया कि कपड़ों के रूप में घोषित इस खेप में आगे की ओर कपड़ों की पतली परत के पीछे 46,640 से अधिक पटाखे और आतिशबाजी की सामग्री छिपाई गई थी। कुल मिलाकर यह खेप लगभग 20 मीट्रिक टन वजनी थी। डीआरआई ने इसे सीमा शुल्क अधिनियम के तहत जब्त करते हुए आगे की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने तलाशी के दौरान इस नेटवर्क से जुड़े कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि यह गिरोह लंबे समय से विभिन्न बंदरगाहों के माध्यम से अवैध तरीके से पटाखों का आयात कर रहा था।


विदेश व्यापार नीति के तहत पटाखों का आयात आईटीसी (एचएस) वर्गीकरण में ‘प्रतिबंधित’ श्रेणी में आता है। इस प्रकार के आयात के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) से विशेष अनुमति आवश्यक होती है। साथ ही, विस्फोटक नियम, 2008 के तहत ऐसी सामग्री के परिवहन और भंडारण के लिए विशेष सुरक्षा प्रावधान निर्धारित किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बिना लाइसेंस या अनुमति के इस तरह का आयात न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह बंदरगाहों और आसपास के इलाकों के लिए गंभीर खतरा भी उत्पन्न कर सकता है, क्योंकि विस्फोटक पदार्थों के अनुचित भंडारण से दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ जाता है।


डीआरआई की इस कार्रवाई के बाद खुलासा हुआ है कि पिछले कुछ महीनों में कई बंदरगाहों के माध्यम से इसी तरह की तस्करी की जा रही थी। जांच के दौरान यह भी पता चला कि तस्कर अपने माल को छिपाने के लिए बेहद चतुराई से नकली दस्तावेज तैयार करते थे और कंटेनरों में कपड़े, कृत्रिम फूल, प्लास्टिक मैट्स या सजावटी पौधों के नाम पर आतिशबाजी का सामान छिपाकर भेजते थे। यह नेटवर्क चीन से सीधे जुड़े सप्लायरों के माध्यम से माल मंगाता था और भारत में विभिन्न राज्यों में इसे वितरित करने की योजना बनाता था।


डीआरआई के अधिकारियों ने बताया कि अब तक इस ऑपरेशन के तहत कुल सात कंटेनरों से करीब 100 मीट्रिक टन चीनी पटाखे जब्त किए गए हैं, जिनकी बाजार कीमत लगभग 35 करोड़ रुपये आंकी गई है। ये कंटेनर न्हावा शेवा, मुंद्रा और कांडला एसईजेड बंदरगाहों से पकड़े गए, जहां इन्हें विभिन्न नामों से दर्ज किया गया था ताकि जांच एजेंसियों को गुमराह किया जा सके। अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या इन अवैध खेपों के पीछे कोई बड़ा वित्तीय या अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क सक्रिय है।


गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में अवैध रूप से आयातित चीनी पटाखों की घटनाओं में वृद्धि हुई है। इन पटाखों में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता, जिससे हादसों की संभावना अधिक होती है। भारतीय नियमों के अनुसार केवल उन पटाखों का निर्माण और बिक्री की अनुमति है जो देश में निर्धारित सुरक्षा और पर्यावरण मानकों के अनुरूप हों। लेकिन चीन से आने वाले अवैध पटाखों में अक्सर अत्यधिक मात्रा में विस्फोटक रसायन होते हैं, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक हैं। यही कारण है कि सरकार ने इनके आयात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया हुआ है।


डीआरआई की यह कार्रवाई न केवल दीपावली से पहले संभावित खतरे को टालने में मददगार साबित हुई है, बल्कि इसने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा एजेंसियां त्योहारों के मौसम में अवैध गतिविधियों पर सख्त नजर रखे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि जब्त माल का नमूना परीक्षण के लिए भेजा गया है और आरोपी से पूछताछ के आधार पर इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान की जा रही है। आगे की जांच में यह भी देखा जा रहा है कि तस्करी में कौन-कौन से एजेंट, परिवहन कंपनियां या आयातक फर्में शामिल थीं।


डीआरआई की इस मुहिम को लेकर बंदरगाह प्रशासन ने भी अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं को और कड़ा कर दिया है। कंटेनरों की स्कैनिंग और दस्तावेज़ सत्यापन की प्रक्रिया को सख्ती से लागू किया जा रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की तस्करी न केवल राजस्व हानि का कारण बनती है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा और पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा है।


इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि त्योहारों के समय बाजारों में उपलब्ध होने वाले सस्ते चीनी पटाखे आखिर कहां से आते हैं। डीआरआई की यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण चेतावनी के रूप में देखी जा रही है कि बिना अनुमति और सुरक्षा मानकों का पालन किए गए उत्पाद न केवल अवैध हैं, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी खतरनाक हैं। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे केवल स्वदेशी और प्रमाणित उत्पादों का ही उपयोग करें तथा किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल स्थानीय अधिकारियों को दें।

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