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साइक्लोन ‘मोंथा’ से सहमा पूर्वी तट: 22 जिलों में 3,174 पुनर्वास केंद्र स्थापित, रेल–हवाई सेवाएं ठप

राज्य महाराष्ट्र

Posted by admin on 2025-10-28 15:46:57

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साइक्लोन ‘मोंथा’ से सहमा पूर्वी तट: 22 जिलों में 3,174 पुनर्वास केंद्र स्थापित, रेल–हवाई सेवाएं ठप

मुंबई/कोलकाता/विजयवाड़ा। बंगाल की खाड़ी में उठे भीषण चक्रवात ‘मोंथा’ ने पूर्वी तटवर्ती राज्यों में चिंता बढ़ा दी है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यह तूफान अगले 24 घंटों में और प्रचंड रूप ले सकता है। चक्रवात के प्रभाव से पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में मंगलवार से शुक्रवार तक भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना जताई गई है।


भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अपने विशेष बुलेटिन में बताया कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो चुका है। यह मंगलवार रात तक आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट के पास पहुंच सकता है। तूफान के असर से समुद्र में ऊंची लहरें उठने की संभावना है, जिसके चलते मछुआरों को 31 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है।


आईएमडी के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात के दौरान हवाओं की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इसके चलते निचले इलाकों में जलभराव, पेड़ों के गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका है।


पश्चिम बंगाल में अलर्ट, भारी बारिश की चेतावनी

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के तटीय और दक्षिणी जिलों — पूर्व और पश्चिम मिदनापुर, दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता — में अलर्ट जारी कर दिया है। प्रशासन ने राहत और बचाव दलों को तैयार रखा है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की कई टीमों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है।

राज्य के मछुआरों को तटीय इलाकों से हटा लिया गया है और समुद्र किनारे की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।


आंध्र प्रदेश में युद्धस्तर पर तैयारी

चक्रवात मोंथा का सबसे अधिक प्रभाव आंध्र प्रदेश में देखने को मिल सकता है। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार देर रात आपात बैठक बुलाई और सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि, “घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन प्रशासन को हर पल सतर्क रहना होगा।”


राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर 22 जिलों में 3,174 पुनर्वास केंद्र स्थापित किए हैं, जिनका संचालन 3,778 सचिवों द्वारा किया जाएगा। इन केंद्रों में खाद्य सामग्री, दवाएं, पेयजल और अस्थायी आवास की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया कि “लोगों को वास्तविक समय में अपडेट मिलना चाहिए।” इसी के तहत राज्य में ध्वनि अलर्ट सिस्टम और जन संबोधन उपकरण 26 जिलों में लगाए गए हैं।


मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि मंगलवार से आंध्र प्रदेश के 3,778 गांवों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ पेड़ों और बिजली खंभों के गिरने का खतरा है।


रेल और हवाई सेवाएं बुरी तरह प्रभावित

चक्रवात मोंथा के कारण रेल और हवाई यातायात पर भी असर पड़ा है।

दक्षिण मध्य रेलवे (SCR) ज़ोन ने सोमवार और मंगलवार को कुल 120 ट्रेनें रद्द करने की घोषणा की। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, काकीनाडा और राजमुंदरी के मार्गों पर तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण ट्रेनों का परिचालन अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।


विजयवाड़ा हवाई अड्डे पर भी चक्रवात का असर दिखा। यहां मंगलवार को 16 उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिनमें दिल्ली, मुंबई और चेन्नई की फ्लाइट्स शामिल हैं। हवाई अड्डे के निदेशक लक्ष्मीकांत रेड्डी ने बताया कि “सुरक्षा कारणों से उड़ानों को स्थगित किया गया है, केवल पांच उड़ानें सीमित समय में संचालित की जा सकीं।”


वहीं, विशाखापत्तनम हवाई अड्डे से मंगलवार को सभी 32 उड़ानें रद्द कर दी गईं। हवाई अड्डे के निदेशक एन. पुरुषोत्तम ने बताया कि सोमवार को एयर इंडिया एक्सप्रेस की दो उड़ानें रद्द हुई थीं, लेकिन मंगलवार को हालात और बिगड़ने के कारण सभी उड़ानें स्थगित करनी पड़ीं।


आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने जानकारी दी है कि आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 40 से अधिक एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमें तैनात की गई हैं। इन टीमों के पास बोट, रेस्क्यू उपकरण और आपात चिकित्सा सामग्री उपलब्ध कराई गई है। भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने भी अपने जहाज और विमान तैनात कर दिए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर राहत कार्य तुरंत शुरू किया जा सके।


लोगों से प्रशासन की अपील

राज्य सरकारों ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें, अनावश्यक यात्रा से बचें और सरकारी निर्देशों का पालन करें। बिजली कटौती या नेटवर्क बाधा की स्थिति में हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।


चक्रवात मोंथा के मंगलवार रात तक काकीनाडा तट से टकराने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बाद तूफान कमजोर पड़ सकता है, लेकिन अगले 48 घंटे तटीय राज्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहेंगे।


प्रशासनिक सतर्कता और मौसम विभाग की समय रहते जारी चेतावनी के चलते उम्मीद की जा रही है कि संभावित नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। फिर भी, पूर्वी भारत में भय और सतर्कता का माहौल बना हुआ है।

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