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मोंथा का कहर: तेलंगाना में 12 की मौत, वारंगल में सबसे ज्यादा तबाही; रेल और सड़क यातायात ठप्प

राज्य तेलंगाना

Posted by admin on 2025-10-31 16:38:43

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मोंथा का कहर: तेलंगाना में 12 की मौत, वारंगल में सबसे ज्यादा तबाही; रेल और सड़क यातायात ठप्प

हैदराबाद। चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने दक्षिण भारत में भयंकर तबाही मचाई है। आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु के बाद अब तेलंगाना में इसका असर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण राज्य के कई जिलों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रशासन के मुताबिक, अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। अकेले पुराने वारंगल जिले में आठ लोगों की जान गई है। तेलंगाना में लगातार हो रही बारिश ने निचले इलाकों को जलमग्न कर दिया है। कई स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात हैं। सड़कों पर पानी भर गया है और रेलवे ट्रैक पर जलजमाव के कारण यातायात ठप्प हो गया है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और एनडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

मृतकों की पहचान और दर्दनाक हादसे

प्रशासन ने मृतकों की पहचान कर ली है। इनमें संपत (30), रामक्का (80), अनिल (30), कृष्णमूर्ति (70), नागेंद्र (56), श्रीनिवास (63), राजिता (35), सूरम्मा (72), प्रणय (30), कल्याण (25), श्राव्या (18) और सुरेश (34) शामिल हैं। हनमकोंडा जिले के ईनवेलू गांव से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां प्रणय और कल्याण नामक दंपति बाढ़ के पानी में बह गए। बताया गया कि दोनों सिद्दीपेट जिले के अक्कन्नपेट लौट रहे थे, तभी अचानक पुलिया पर बह रहे तेज पानी की चपेट में आ गए। प्रशासन और बचाव दल उनकी तलाश में जुटे हैं, लेकिन अब तक दोनों का पता नहीं चल सका है।

रेलवे और सड़क संपर्क बाधित

वारंगल और हनमकोंडा जिलों में रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने से कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं या उन्हें बीच रास्ते रोकना पड़ा। बस सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हैं। कई प्रमुख मार्गों पर पेड़ गिरने और सड़क टूटने से आवागमन बाधित हो गया है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि जब तक आवश्यक न हो, तब तक घरों से बाहर न निकलें।

किसानों को भारी नुकसान

तूफान के कारण खेतों में भारी जलजमाव हो गया है। धान, मक्का और कपास जैसी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। कृषि विभाग के अनुसार, अब तक किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। प्रभावित जिलों में राहत शिविर खोले गए हैं और किसानों को सहायता राशि देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

प्रशासन अलर्ट मोड पर

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सभी जिलाधिकारियों को आपात बैठक में निर्देश दिए हैं कि किसी भी हालत में राहत कार्यों में देरी न हो। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस बल लगातार प्रभावित इलाकों में तैनात हैं। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे तक तेलंगाना के उत्तरी और मध्य भागों में भारी बारिश की संभावना है। चक्रवाती तूफान मोंथा ने दक्षिण भारत के कई राज्यों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जहां एक ओर बचाव टीमें राहत कार्य में लगी हैं, वहीं दूसरी ओर लोग भय और अनिश्चितता के माहौल में दिन गुजार रहे हैं। प्रशासन ने नागरिकों से संयम बरतने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।

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