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झुंझुनू में मातृ और शिशु स्वास्थ्य सुधार की डिजिटल पहल : ‘किलकारी’ और ‘मोबाइल एकेडमी’ योजनाएं शुरू

राज्य राजस्थान

Posted by admin on 2025-10-27 18:17:10

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झुंझुनू में मातृ और शिशु स्वास्थ्य सुधार की डिजिटल पहल : ‘किलकारी’ और ‘मोबाइल एकेडमी’ योजनाएं शुरू

झुंझुनू। राजस्थान के झुंझुनू जिले में गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों के स्वास्थ्य को सशक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डिजिटल नवाचार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से दो नई योजनाएं — ‘किलकारी’ और ‘मोबाइल एकेडमी’ — की शुरुआत की है। दोनों योजनाएं न केवल ग्रामीण और दूरदराज़ इलाकों की महिलाओं को समय पर सही स्वास्थ्य जानकारी उपलब्ध कराएंगी, बल्कि स्वास्थ्यकर्मियों की कार्यकुशलता में भी वृद्धि करेंगी।

आरसीएसएचओ डॉ. दयाराम ने बताया कि ‘किलकारी योजना’ के तहत हर गर्भवती महिला और नई मां को गर्भावस्था के चौथे महीने से लेकर बच्चे के 18 माह की उम्र तक मोबाइल फोन पर आवश्यक स्वास्थ्य संबंधी संदेश भेजे जाएंगे। कुल 72 वॉइस मैसेज पूरी अवधि में मुफ्त भेजे जाएंगे। इन संदेशों में संतुलित आहार, एनीमिया से बचाव, परिवार नियोजन, समय पर टीकाकरण और शिशु देखभाल जैसी उपयोगी जानकारियां होंगी। विशेष बात यह है कि यदि कोई महिला किसी कॉल को मिस कर देती है तो वह 14423 नंबर पर कॉल कर वह संदेश दोबारा सुन सकती है। साथ ही यह प्रणाली मां और बच्चे के टीकाकरण की तारीखों की याद दिलाने का भी काम करेगी, जिससे समय पर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ सुनिश्चित किया जा सके।

वहीं दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग ने आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण और कौशल वृद्धि के लिए ‘मोबाइल एकेडमी योजना’ की शुरुआत की है। यह 240 मिनट (चार घंटे) की ऑडियो आधारित डिजिटल ट्रेनिंग है, जिसे आशा कार्यकर्ता अपने मोबाइल फोन के माध्यम से कभी भी पूरा कर सकती हैं। इस कोर्स में गर्भधारण से लेकर बच्चे के दो वर्ष की आयु तक की संपूर्ण देखभाल, पोषण, स्तनपान, साफ-सफाई और प्राथमिक उपचार जैसी वैज्ञानिक जानकारियां दी जाती हैं। इससे आशाओं की संवाद क्षमता और सेवा गुणवत्ता में सुधार आएगा, जिससे वे ग्रामीण स्तर पर महिलाओं को और बेहतर स्वास्थ्य परामर्श दे सकेंगी।

डॉ. दयाराम ने बताया कि इन योजनाओं से न केवल गर्भवती महिलाओं को नियमित स्वास्थ्य मार्गदर्शन मिलेगा, बल्कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर घटाने के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में भी यह पहल मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि सभी गर्भवती महिलाएं एएनसी (Ante Natal Care) रजिस्ट्रेशन के दौरान अपना सही मोबाइल नंबर दर्ज कराएं, ताकि उन्हें इन डिजिटल सेवाओं का लाभ बिना किसी रुकावट के मिल सके।

उन्होंने आगे कहा कि “किलकारी और मोबाइल एकेडमी योजनाएं सुरक्षित मातृत्व और स्वस्थ बचपन की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं। इससे ग्रामीण स्वास्थ्य तंत्र मजबूत होगा और डिजिटल तकनीक का लाभ सीधे आमजन तक पहुंचेगा।”

स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इस डिजिटल पहल से पारंपरिक संचार की सीमाएं खत्म होंगी और हर महिला तक स्वास्थ्य संबंधी सही जानकारी समय पर पहुंचेगी। झुंझुनू जिले में इन योजनाओं को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। आशा कार्यकर्ताओं ने भी बताया कि मोबाइल एकेडमी जैसी ट्रेनिंग से उन्हें काम में अधिक आत्मविश्वास और सुविधा मिल रही है।

सरकार को उम्मीद है कि इस नवाचार के सकारात्मक परिणाम जल्द ही सामने आएंगे और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में झुंझुनू जिले का यह मॉडल राज्यभर में एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगा।

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