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गंगा तट पर ‘कांतारा’ का आध्यात्मिक रंग : ऋषभ शेट्टी ने वाराणसी में की गंगा आरती

मनोरंजन बाॅलीवुड

Posted by admin on 2025-10-17 20:17:01

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गंगा तट पर ‘कांतारा’ का आध्यात्मिक रंग : ऋषभ शेट्टी ने वाराणसी में की गंगा आरती

‘कांतारा: चैप्टर 1’ की सफलता के लिए जताया आभार

काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर बोले – “यह आस्था और भारतीय संस्कृति का आशीर्वाद है”


वाराणसी। सिनेमाघरों में धमाकेदार शुरुआत कर चुकी ‘कांतारा: चैप्टर 1’ की गूंज अब देशभर में सुनाई दे रही है। फिल्म की अपार सफलता के बीच निर्देशक और अभिनेता ऋषभ शेट्टी देवों की नगरी वाराणसी पहुंचे, जहां उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर भगवान शिव का आशीर्वाद लिया और गंगा आरती में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने फिल्म की सफलता के लिए ईश्वर का आभार जताया और कहा कि “कांतारा की आत्मा भारतीय संस्कृति, आस्था और प्रकृति से जुड़ी है, और इसी भाव को हम आगे ले जाना चाहते हैं।”

वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर ऋषभ शेट्टी का आगमन दर्शकों और श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय बना रहा। वे पारंपरिक परिधान में घाट पहुंचे और स्थानीय पुजारियों के साथ आरती में सम्मिलित हुए। गंगा तट की इस पवित्र शाम में फिल्म की सफलता के लिए विशेष प्रार्थना की गई। ऋषभ ने कहा, “वाराणसी आना मेरे लिए आत्मिक अनुभव जैसा है। यहां की ऊर्जा और भक्ति का भाव अवर्णनीय है। हमारी फिल्म भी इसी आध्यात्मिक चेतना को समर्पित है।”

सफलता के नए मानक स्थापित कर रही है ‘कांतारा: चैप्टर 1’ 

2 अक्टूबर को रिलीज हुई ‘कांतारा: चैप्टर 1’ दर्शकों और आलोचकों दोनों के बीच सराही जा रही है। फिल्म ने रिलीज के पहले ही दिन शानदार शुरुआत की और अपने दमदार अभिनय, संगीत और विजुअल्स से दर्शकों का दिल जीत लिया। फिल्म को होम्बले फिल्म्स ने प्रोड्यूस किया है, जो पहले ‘केजीएफ’ जैसी ब्लॉकबस्टर दे चुकी है। फिल्म में ऋषभ शेट्टी न केवल मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि उन्होंने इसका निर्देशन भी किया है। यह प्रीक्वल ‘कांतारा’ की रहस्यमय कथा को आगे बढ़ाता है और लोककथाओं, देव परंपराओं और मानव-प्रकृति संबंध की गहराई में उतरता है।


क्रिएटिव टीम का बेहतरीन संयोजन

फिल्म की टीम में म्यूजिक डायरेक्टर बी. अजनीश लोकनाथ, सिनेमैटोग्राफर अरविंद कश्यप और प्रोडक्शन डिज़ाइनर विनेश बंग्लान शामिल हैं। इन सभी ने मिलकर फिल्म को ऐसा सिनेमाई रूप दिया है, जो भारतीय लोकसंस्कृति की जड़ों से जुड़ते हुए भी आधुनिक विजुअल अनुभव प्रदान करता है।

फिल्म को कन्नड़, हिंदी, तेलुगु, तमिल, मलयालम, बंगाली और अंग्रेजी सहित सात भाषाओं में रिलीज किया गया है, ताकि इसकी कहानी भारत के हर कोने तक पहुंचे।

आस्था और सिनेमा का संगम

वाराणसी का यह दौरा सिर्फ एक प्रचार यात्रा नहीं, बल्कि भारतीय आध्यात्मिकता को श्रद्धांजलि थी। गंगा आरती के बाद ऋषभ शेट्टी ने कहा, “हमारी फिल्म में दिखाया गया हर भाव – चाहे वो प्रकृति का सम्मान हो या देवों की उपासना – हमारी परंपराओं से प्रेरित है। ‘कांतारा’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, यह हमारी संस्कृति का उत्सव है।”

‘कांतारा: चैप्टर 1’ की सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब सिनेमा अपनी जड़ों से जुड़ता है, तो वह केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक अनुभव बन जाता है। वाराणसी में ऋषभ शेट्टी की यह गंगा आरती न सिर्फ उनकी फिल्म की सफलता का उत्सव थी, बल्कि भारतीय सिनेमा और आस्था के गहरे रिश्ते की प्रतीक भी रही।

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