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14 हत्याओं का आरोपी राजा कोलंदर की रिहाई अटकी, दो अन्य मामलों में उम्रकैद की सजा से फिलहाल जेल में रहेगा खूंखार अपराधी

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Posted by admin on 2025-10-11 18:00:20

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14 हत्याओं का आरोपी राजा कोलंदर की रिहाई अटकी, दो अन्य मामलों में उम्रकैद की सजा से फिलहाल जेल में रहेगा खूंखार अपराधी

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के आपराधिक इतिहास के सबसे सनसनीखेज हत्याकांडों में शामिल 14 निर्दोष लोगों की हत्या के आरोपी राजा कोलंदर उर्फ रामनिरंजन कोल की रिहाई फिलहाल अटक गई है। दो अन्य मामलों में आजीवन कारावास की सजा पाए जाने के कारण उसकी रिहाई संभव नहीं हो सकी है।

राजा कोलंदर को लेकर चर्चाएं तब तेज हुईं जब उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उसकी रिहाई को मंजूरी दे दी थी। इसके बाद शासन ने 4 सितंबर को आदेश भी जारी किया था। यह आदेश उत्तर प्रदेश प्रिजनर्स रिलीज ऑन प्रोबेशन एक्ट, 1938 की धारा-2 के तहत जारी हुआ था। लेकिन, कानूनी रूप से वह अभी दो अन्य मामलों में भी उम्रकैद भुगत रहा है, जिसके चलते रिहाई पर रोक लग गई है। फिलहाल यह निर्दयी हत्यारा उन्नाव जेल में बंद है।

सूत्रों के अनुसार, रिहाई आदेश केवल एक मामले में जारी हुआ है, जबकि अन्य दो मामलों में सजा जारी रहने से उसे जेल से नहीं छोड़ा जा सकता। इस बीच, रिहाई की खबर वायरल होने पर दिवंगत पत्रकार धीरेन्द्र सिंह के पुत्र संदीप सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “कोलंदर केवल मेरे पिता का ही नहीं, बल्कि कई निर्दोषों का हत्यारा है। ऐसे अपराधी को दया का पात्र नहीं बल्कि फांसी मिलनी चाहिए।”

शंकरगढ़ निवासी है राजा कोलंदर

प्रयागराज के शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के हिनौती गांव का रहने वाला राजा कोलंदर नैनी स्थित केंद्रीय आयुध भंडार में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। विकृत मानसिकता के इस व्यक्ति ने खुद को “राजा” समझते हुए कई लोगों की बेरहमी से हत्या की। उसने अपनी पत्नी का नाम फूलन देवी, बेटों के नाम अदालत और जमानत, तथा बेटी का नाम आंदोलन रखा था।

वर्ष 2012 में प्रयागराज की अदालत ने पत्रकार धीरेन्द्र सिंह हत्याकांड में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पांच माह पहले लखनऊ की अदालत ने भी दोहरे हत्याकांड और अपहरण मामले में उसे उम्रकैद दी थी।

27 वर्षों से जेल में बंद है कोलंदर

राजा कोलंदर अब तक 27 वर्ष से अधिक सजा काट चुका है। उसकी सशर्त रिहाई नौ शर्तों के साथ मंजूर की गई थी, जिसमें उसका बेटा नवीन कुमार अभिरक्षक बनाया गया था। शर्तों के उल्लंघन पर उसे पुनः जेल भेजे जाने का प्रावधान था, लेकिन अब रिहाई पर रोक लगने से आदेश निष्प्रभावी हो गया है।

पत्रकार परिवार ने जताई नाराजगी

धीरेन्द्र सिंह के भाई वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि 2000 में हत्या के बाद पुलिस ने कोलंदर के फार्महाउस से कई मानव कंकाल और खोपड़ियां बरामद की थीं। उन्होंने कहा कि ऐसे जघन्य अपराधी की रिहाई समाज के लिए गलत संदेश है। उन्होंने रक्षामंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रिहाई आदेश पर पुनर्विचार की मांग की है।  धीरेन्द्र सिंह की पत्नी नीना सिंह और छोटे बेटे राहुल का पहले ही निधन हो चुका है। परिवार आज भी उस दर्दनाक घटना के गहरे घावों से उबर नहीं सका है।

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