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बालार्क प्रकाशन द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों का विमोचन तथा दो कवि एवं साहित्यकारों का सम्मान समारोह संपन्न

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Posted by admin on 2025-09-13 19:14:05

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बालार्क प्रकाशन द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों का विमोचन तथा दो कवि एवं साहित्यकारों का सम्मान समारोह संपन्न

सिलचर । वरिष्ठ लेखक, साहित्यकार श्री अशोक वर्मा के तत्वावधान में बालार्क प्रकाशन द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों का विमोचन तथा दो कवि एवं साहित्यकारों, श्रीमती मधु पारख और योगेश दुबे, का सम्मान किया गया। सिलचर सदारघाट रोड स्थित बराक चाय श्रमिक यूनियन के सभागार आयोजित पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह की अध्यक्षता डॉ. संतोष रंजन ने की।


इस अवसर पर आमंत्रित सम्मानित अतिथि के रूप में समर कांति राय चौधरी, पूर्व विधायक व यूनियन के साधारण संपादक राजदीप ग्वाला, समर विकाश चक्रवर्ती, अंजू इंदो, मीता दास पुरकायस्थ, वरिष्ठ पत्रकार मदन सिंघल, रवि नुनिया और शंकर चक्रवर्ती मंच पर आसीन थे। बाबुल नारायण कानू के कुशल संचालन और देखरेख में सर्व प्रथम अतिथियों के हाथों दीप प्रज्वलित हुआ। मंच पर आसीन अतिथियों चन्दन तिलक किया गया और अंग वस्त्र पहनाकर स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। तत्पश्चात तीन हिंदी पुस्तकों का विमोचन किया गया। श्री अशोक वर्मा द्वारा रचित 'भावनाओं के जुगन' सहित दो अन्य लेखकों,अपर्णा देव और समर विकाश चक्रवर्ती, के बांग्ला से हिंदी अनुवाद, क्रमशः 'स्वप्न भोर' व 'नाम नहीं',पुस्तकों का विमोचन किया गया। बांग्ला से हिंदी अनुवाद श्री अशोक वर्मा ने ही किया है।


इस मौके पर कवयित्री, साहित्कार, समाजसेविका श्रीमती मधु पारख और युवा कवि, पत्रकार योगेश दुबे को बालार्क प्रकाशन द्वारा "ठाकुर प्रसाद स्मृति - साहित्य पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। श्रीमती पारख का मानपत्र डॉ. रीता सिंह यादव और योगेश दुबे का मानपत्र श्रीमती राजकुमारी मिश्रा ने पाठ किया। इस अवसर पर सीमा स्वर्णकार ने श्री अशोक वर्मा की कविता का पाठ किया। उपस्थित अतिथियों ने श्री अशोक वर्मा द्वारा प्रति वर्ष दिए जा रहे सम्मान एवं नवोदित लेखकों को लेखन कार्य के लिए प्रेरित करने और आगे बढ़ाने के प्रयास की सरहना की। सभी ने इस बात को स्वीकार्य किया कि श्री अशोक वर्मा बालार्क प्रकाशन के माध्यम से बांग्ला समेत अन्य कई क्षेत्रीय भाषाओं में लिखी गई पुस्तकों का हिंदी अनुवाद करने कार्य कर एक सेतु के रूप में काम कर रहे। यह प्रशंसनीय कार्य है। क्षेत्रीय लेखकों की पहचान राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाने के साथ- साथ एक दूसरे की भाषा - संस्कृति को जानने का अवसर प्रदान हो रहा है। श्री अशोक वर्मा की हिंदी साधना को उचित सम्मान देने पर भी कई लोगों ने अपने प्रस्ताव दिया। इस दौरान दुर्गेश कुर्मी, विशुद्धानन्द महतो, प्रदीप कुर्मी, बिंदु सिंह, राजू वर्मा, लालन प्रसाद ग्वाला, विश्वजीत कोइरी, देवाशीष कानू, टीना वर्मा, नूर अमिन बक्श, शिवचरण रविदास आदि की उपस्थिति रही। 


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