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कैंसर पर विजय! रूसी वैज्ञानिकों ने तैयार की कोलन कैंसर की वैक्सीन

अंतरराष्ट्रीय

Posted by admin on 2025-09-08 16:20:09

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कैंसर पर विजय! रूसी वैज्ञानिकों ने तैयार की कोलन कैंसर की वैक्सीन

कैंसर के इलाज में लंबे समय से चल रहे शोध को लेकर रूस से एक महत्वपूर्ण खबर आई है। रूस की फेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी (एफएमबीए) की प्रमुख वेरोनिका स्क्वॉर्त्सोवा ने घोषणा की है कि वैज्ञानिकों ने कोलन (बड़ी आंत) कैंसर के उपचार के लिए एक नई वैक्सीन विकसित की है। इस वैक्सीन के प्रीक्लिनिकल ट्रायल्स पूरी तरह सफल रहे हैं और अब यह आधिकारिक मंजूरी के इंतजार में है। यह दावा रूस के व्लादिवोस्तोक शहर में आयोजित 10वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) में किया गया, जहां 75 देशों से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।


वर्षों की मेहनत का परिणाम

स्क्वॉर्त्सोवा ने बताया कि इस वैक्सीन पर कई वर्षों से काम चल रहा था। खासतौर पर पिछले तीन वर्षों में अनिवार्य प्रीक्लिनिकल अध्ययनों को पूरा किया गया। इन अध्ययनों ने साबित किया कि वैक्सीन सुरक्षित है और इसे बार-बार दिए जाने पर भी कोई दुष्प्रभाव सामने नहीं आया। परिणामों के अनुसार, वैक्सीन से ट्यूमर का आकार 60 से 80 प्रतिशत तक घट गया और कैंसर की प्रगति को उल्लेखनीय रूप से धीमा किया जा सका। इसके अलावा, वैक्सीन ने मरीजों की जीवन प्रत्याशा में सुधार दिखाया और जीवित रहने की दर बढ़ाने के संकेत भी मिले। विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित हो सकती है।


कोलोरेक्टल कैंसर पर पहला प्रयोग

वैक्सीन का पहला उपयोग कोलोरेक्टल कैंसर यानी बड़ी आंत और मलाशय में होने वाले कैंसर के लिए होगा। यह कैंसर विश्व स्तर पर तेजी से बढ़ते मामलों में शामिल है और भारत में भी इसके रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अक्सर यह बीमारी देर से पता चलती है क्योंकि शुरुआती चरण में इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते। समय पर निदान और सही इलाज न मिलने पर यह कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों तक फैल सकता है।


अन्य घातक कैंसरों पर भी शोध जारी

रूस के वैज्ञानिक केवल कोलन कैंसर तक सीमित नहीं हैं। वे अन्य गंभीर प्रकार के कैंसर जैसे ग्लियोब्लास्टोमा (एक घातक ब्रेन कैंसर) और कुछ विशेष प्रकार के मेलानोमा (जैसे आंख का मेलानोमा) के लिए भी वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। एफएमबीए के अनुसार, ये प्रोजेक्ट उन्नत चरण में हैं और आने वाले समय में कैंसर चिकित्सा में बड़ी सफलता ला सकते हैं।


कैंसर वैक्सीन कैसे काम करती है?

लोग आमतौर पर वैक्सीन को खसरा, चिकनपॉक्स या अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए जानते हैं। ये वैक्सीन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) को वायरस और बैक्टीरिया की पहचान करने और उन्हें नष्ट करने के लिए तैयार करती हैं। लेकिन कैंसर वैक्सीन का सिद्धांत अलग है।


कैंसर वैक्सीन शरीर को कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने और उन पर हमला करने में मदद करती है। यह इम्यून सिस्टम को इतना सक्रिय करती है कि वह असामान्य रूप से बढ़ रही कोशिकाओं को नष्ट कर सके। वर्तमान में कुछ कैंसर जैसे प्रोस्टेट और ब्लैडर कैंसर के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं, लेकिन कोलन कैंसर के लिए रूस की यह पहल एक नई उपलब्धि मानी जा रही है।


वैश्विक महत्व और उम्मीदें

विश्व स्वास्थ्य संगठनों के आंकड़ों के अनुसार, कोलोरेक्टल कैंसर दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है। यदि रूस की यह वैक्सीन आधिकारिक मंजूरी प्राप्त करती है और व्यापक स्तर पर उपलब्ध हो जाती है, तो यह लाखों लोगों के जीवन बचाने में मदद कर सकती है। भारत जैसे देशों में, जहां कैंसर के मामलों का तेजी से इजाफा हो रहा है, यह वैक्सीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए वरदान साबित हो सकती है।


ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में घोषणा

इस वैक्सीन की घोषणा 10वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम के दौरान की गई। इस वर्ष का विषय था – “द फार ईस्ट: कोऑपरेशन फॉर पीस एंड प्रॉस्पेरिटी”। आयोजन में 8,400 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिसमें 75 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल थे। फोरम में इस वैक्सीन को लेकर किए गए दावे ने वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र का ध्यान आकर्षित किया।

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