News Website Headers

वॉशिंगटन पोस्ट का दावा: मोदी के मित्र अदानी को 3.9 अरब डॉलर की सरकारी मदद? एलआईसी ने किया खारिज

राष्ट्रीय

Posted by admin on 2025-10-26 20:44:59

Share: Facebook | Twitter | WhatsApp | LinkedIn Views 19


वॉशिंगटन पोस्ट का दावा: मोदी के मित्र अदानी को 3.9 अरब डॉलर की सरकारी मदद? एलआईसी ने किया खारिज

नई दिल्ली: अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने शुक्रवार (24 अक्टूबर) को अदानी समूह के खिलाफ एक तफ़्सीली जाँच रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी अदालत में लाचखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों के बाद, भारतीय सरकार ने लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी)  के माध्यम से अदानी समूह की कंपनियों में 3.9 अरब डॉलर (लगभग 33,000 करोड़ रुपये) की निवेश योजना बनाई थी। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मित्र उद्योगपति' गौतम अदानी को वित्तीय संकट से उबारने के लिए थी।


हालांकि, एलआईसी ने इन सभी आरोपों को 'पूरी तरह झूठा और आधारहीन' बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है।


 वॉशिंगटन पोस्ट के मुख्य आरोप

1. सरकारी हस्तक्षेप की योजना 

   - 2023 में अमेरिकी अभियोजकों द्वारा गौतम अदानी पर लगाए गए आरोपों के बाद, वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (DFS) और एलआईसी के बीच 3.9 अरब डॉलर की निवेश योजना पर चर्चा हुई।  

   - यह योजना अदानी समूह को कर्ज संकट से बचाने के लिए थी, जब विदेशी बैंक नए कर्ज देने से पीछे हट रहे थे।


2. एलआईसी की विशिष्ट निवेश 

   - मई 2025 में एलआईसी ने अदानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (APSEZ) में 57 करोड़ डॉलर (लगभग 4,800 करोड़ रुपये) का निवेश किया।  

   - रिपोर्ट में दावा है कि यह निवेश 'ट्रिपल ए' क्रेडिट रेटिंग वाली कंपनी में होने के बावजूद सरकारी दबाव में किया गया।


3. क्रोनी कैपिटलिज्म का आरोप

   - अदानी समूह पर कोयला खदान, बंदरगाह, हवाई अड्डे और हरित ऊर्जा क्षेत्रों में विस्तार के लिए सरकारी समर्थन का लाभ उठाने का आरोप।  

   - गौतम अदानी की निजी संपत्ति वर्तमान में 90 अरब डॉलर से अधिक है।


एलआईसी का स्पष्ट खंडन

एलआईसी ने शनिवार सुबह जारी बयान में कहा: अदानी समूह में 3.9 अरब डॉलर की कोई योजना नहीं बनी। न कोई दस्तावेज़ है, न कोई निर्देश। सभी आरोप असत्य और भ्रामक हैं।"

- स्वतंत्र निवेश प्रक्रिया: अदानी समूह में सभी निवेश आंतरिक नीतियों, जोखिम मूल्यांकन और स्वतंत्र समितियों के आधार पर किए गए।  - कोई सरकारी दबाव नहीं: निवेश निर्णयों में *वित्त मंत्रालय या सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं*।  

- निवेश का हिस्सा: अदानी शेयर एलआईसी की कुल इक्विटी निवेश का मात्र 4% (लगभग 60,000 करोड़ रुपये) हैं, जो प्रमुख शेयरधारक (6.94%) से कम है।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

- कांग्रेस की मांग: सार्वजनिक क्षेत्र बैंकिंग समिति (PAC) से जाँच की मांग।  

  "अदानी शेयरों की भारी गिरावट के बाद एलआईसी ने जनता का पैसा डुबोया।"  

- अदानी समूह की चुप्पी: अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं।


यह रिपोर्ट हिंडनबर्ग (2023) के बाद अदानी समूह पर दूसरा बड़ा अंतरराष्ट्रीय हमला है। यदि आरोप सिद्ध हुए, तो यह सार्वजनिक निधि के दुरुपयोग और क्रोनी कैपिटलिज्म का गंभीर मामला होगा। लेकिन एलआईसी के दस्तावेजी खंडन ने इन दावों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। आगे की जाँच और आधिकारिक दस्तावेज़ ही सत्य सामने ला सकेंगे।


Search
Recent News
Most Popular News
Leave a Comment:

You must Login to post a comment.

No comments yet. Be the first to comment!